विकसित भारत @2047 के निर्माण में महिलाओं की भूमिका: एक विमर्श
लंढौरा l चमन लाल महाविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन का शुभारंभ प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा, सचिव अरुण हरित ने दीप प्रज्वलित कर किया l कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डॉ.कल्पना सैनी ने कहा राष्ट्र निर्माण में नारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण और अनिवार्य है। समाज की नींव की मजबूती के लिए नारी का योगदान अनदेखा नहीं किया जा सकता। नारी केवल घर की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रहती; उसकी भूमिका समाज और राष्ट्र की प्रगति में भी व्यापक है। नारी, एक माँ के रूप में, बच्चों को नैतिकता, शिक्षा और संस्कार प्रदान करती है.l इसी क्रम में डॉ. अनुराग शर्मा ने कहा कि राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है। आज की महिलाएँ राष्ट्र की प्रगति के लिए पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। खेतीबारी से लेकर वायुयान उड़ाने और अंतरिक्ष तक जा रही है। गाँव में आज महिलाएँ सरपंच एवं मुखिया के पद पर काम कर रही हैं।
प्रोफेसर डॉ. रीता सचान प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय , मरगुपुर महिलाएं पिता, पति युग के संरक्षण में कार्य करती रही है किंतु संविधान में स्त्रियों को समान अधिकार दिए गए हैं किंतु इतना कुछ होने के बाद भी महिलाओं की सामाजिक स्थिति सुधर नहीं हो पाई है इस पर गहन चिंतन की आवश्यकता है l
प्रोफेसर हेमलता मिश्रा ऋषिकेश, कैंपस श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ने अपने व्याख्यान में कहा कि पहाड़ की स्त्रियों की स्थिति की हम कल्पना भी नहीं कर कर सकते l उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता। यहां आदिकाल से ही नारी शक्ति की पूजा की परंपरा रही है। यहां कालीमठ, सुरकंडा देवी, चंद्रबदनी देवी, चंडी देवी और मायादेवी के अलावा भी देवियों के कई मंदिर हैं l नंदा देवी राजजात जैसी विश्वप्रसिद्ध सांस्कृतिक धरोहर भी है। यहां तक की उत्तराखंड राज्य गठन में भी नारी शक्ति का अहम योगदान रहा है।
उत्तराखंड में हमेशा से ही नारी का सम्मान होता आया है। आज भी यहां आने वाले पर्यटक यहां के विश्वप्रसिद्ध देवियों के मंदिरों में दर्शन को आते हैं। पेड़ों को बचाने के लिए गौरा देवी का योगदान पूरे विश्व में एक मिसाल के रूप में पेश किया जाता है। राज्य गठन की बात करें तो यह महिला शक्ति ही थी जिसने राज्य आंदोलन को गति देने का काम करते हुए बेहद अहम भूमिका निभाई। आज भी प्रदेश में तकरीबन पचास फीसद महिला वोटर हैं। ऐसे में सरकार गठन में महिलाओं की भूमिका की महत्ता को समझा जा सकता है। प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक मोर्चे पर महिला शक्ति को यथोचित प्रतिनिधित्व मिला है। प्रदेश में मौजूदा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य यह पद संभालने वाली दूसरी महिला हैं।
इससे पहले मार्गेट आल्वा राज्यपाल का पद संभाल चुकी हैं। सरकार में भी इस समय रेखा आर्य, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्रालय का राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में जिम्मा संभाल रही हैं। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, सचिव सिंचाई भूपिंदर कौर औलख, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, राज्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ऐसे नाम हैं जो प्रशासनिक पदों को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रही हैं। कई जिलों में जिलाधिकारी का पद भी महिलाएं ही संभाल रही हैं। पुलिस में भी महिलाएं इस समय कई अहम पदों पर है l प्राचार्य डॉ.सुशील उपाध्याय जी ने कहा राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण और अभिन्न रही है, क्योंकि समाज की प्रत्येक स्तरीय गतिविधि में महिलाओं ने अपना योगदान दिया है। भारतीय समाज में, जहां पारंपरिक रूप से महिलाओं की भूमिका को सीमित माना जाता था, वहीं समय के साथ महिलाओं ने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में न केवल अपनी पहचान बनाई है, बल्कि देश की प्रगति और विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है l इस संगोष्ठी का उद्देश्य महिलाओं के योगदान को पहचानना और उसे समाज में सम्मानित करना भी है l डॉ.अनुराग शर्मा राजकीय महाविद्यालय भाभर कोटद्वार से आए उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की आर्थिक भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर, उन्हें शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करके, हम न केवल उनकी आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करते हैं, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। कार्यक्रम समन्वयक डॉ.देव्पल ने संपूर्ण संगोष्ठी की रूपरेखा को प्रस्तुत किया तथा उनके सहयोगी डॉ.निशु कुमार ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान किया l कार्यक्रम को सफल बनाने में वाणिज्य विभाग की डॉ.किरण शर्मा डॉ.श्वेता ने अपना विशेष सहयोग प्रदान किया l राजनीति विज्ञान विभाग से डॉ. निशु कुमार एवं नवीन कुमार की पुस्तक का विमोचन जनसंख्या वृद्धि पर आधारित डॉ.कल्पना सैनी द्वारा किया गया l कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट कर उनका अभिनंदन और स्वागत किया इस अवसर पर महाविद्यालय के समय शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारी भी उपस्थित रहे l