चमन लाल महाविद्यालय में यूकोस्ट द्वारा प्रायोजित ऑनलाइन व्याख्यान
लंढौरा l चमन लाल महाविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में यूकास्ट देहरादून से डॉ. हिमांशु गोयल को ऑनलाइन माध्यम से आमंत्रित किया गया जिसमें उन्होंने परंपरागत ज्ञान को बढ़ावा देने की बात कही आयुर्वेद और हमारे ऋषि पूर्वजों से जो ज्ञान हमें प्राप्त हुआ है उसका आज की इस आधुनिक दौर में हम कैसे उपयोग कर सकते हैं इस विषय पर भी प्रकाश डाला बौद्धिक संपदा अधिकार का अर्थ और आवश्यकता और उसके महत्व को भी समझाया उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपनी नवाचार का पेटेंट करा सकता है जिससे कि वह अपने पेटेंट के द्वारा अपने नवाचार को सुरक्षित कर सकता है साथ ही उन्होंने अपने व्याख्यान में विभिन्न उदाहरणों की सहायता से यह भी समझाया कि किस प्रकार बौद्धिक संपदा अधिकार का उल्लंघन करने से कितनी कंपनियां पर मुकदमे इत्यादि हो जाते हैं l कॉपीराइट जैसे मुद्दों पर भी बात होनी जरूरी है इसका भी दुरुपयोग किया जा रहा है l डिजिटल शिक्षण कार्य से भी छात्र-छात्राओं को सुविधा मिली है l नवाचार के माध्यम से शिक्षा को आसान बनाया जा सकता है जिससे छात्र-छात्राओं में शिक्षा के प्रति रुचि उत्पन्न हो सके l कार्यक्रम में उपस्थित महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि छात्र-छात्राओं को ऐसे विषयों की जानकारी समय-समय पर देना आवश्यक है जिससे छात्रों में नवाचार हेतु विचार उत्पन्न हो सके l नवाचार के माध्यम से शिक्षा को और बेहतर बनाया जा सकता है l प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा ने छात्राओं को व्याख्यान में प्रतिभाग के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की कार्यक्रम समन्वयक डॉ.अनामिका चौहान ने भी बौद्धिक संपदा अधिकार की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार कॉपीराइट एवं Paid जनरल प्रकाशित किए जा रहे हैं जिसमें गुणवत्ता की भारी कमी है अतः हमें अपने रिसर्च पेपर पर उसकी गुणवत्ता को ध्यान में रखकर ही प्रकाशित करना चाहिए l इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे l