रुड़की।ज्योतिष गुरुकुलम् पुरानी तहसील में श्री शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन कथाव्यास आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने कहा कि भगवान शिव की अराधना,उपासना और साधना करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।रोग और शत्रु दूर होते हैं।उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में पांच देवताओं की पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए,जिसमें सूर्य,शिव,शक्ति,गणेश और विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए।कथा व्यास आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने कहा शिव महापुराण हमारा महत्वपूर्ण ग्रंथ है,इसको पढ़ने व सुनने मात्र से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।भगवान शंकर की पूजा से अकाल मृत्यु का हरण होता है इसलिए निरंतर भगवान शंकर की अराधना करनी चाहिए। प्रतिदिन उनका जलाभिषेक करना चाहिए।भगवान शंकर देवो के भी देव हैं।श्री शिवमहापुराण कथा हमें यह सिखाती है कि हमें निरंतर कल्याण के मार्ग पर चलना चाहिए,क्योंकि भगवान शिव स्वयं कल्याण कारी देव है।हमें,काम,क्रोध,लोभ मोह से दूर रहना चाहिए।कलयुग भक्ति प्रधान युग है।कलयुग में भक्ति श्रेष्ठ है और भक्ति से ही भगवान प्रसन्न होते हैं,इसलिए हमें भक्ति,ज्ञान,वैराग्य पर चलकर भगवान शंकर की शरणागति लेनी चाहिए।भगवान शिव के साथ मां पार्वती भगवान गणेश कार्तिकेय जी नंदी जी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।भगवान शिव जीव मात्र से प्रेम करते हैं।संसार के सभी प्राणियों की रक्षा करते हैं,इसलिए शिव साधना कलयुग में सर्वश्रेष्ठ है,जो भी भक्त भगवान शंकर को पुकारता है।भगवान शिव की कृपा से उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।कथा में संजीव शास्त्री,प्रकाश शास्त्री,इंद्रमणि सेमवाल, सुलक्ष्णा सेमवाल,अदिति सेमवाल,आदित्य शर्मा,राधा भटनागर,चित्रा गोयल,रेनू शर्मा,पूजा वर्मा,गौरव वर्मा,नरेंद्र भारद्वाज,अर्चना सिंघल आदि भक्तगण मौजूद रहे।