विधि विभाग स्वामी रामतीर्थ परिसर में विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर गोष्ठी संपन्न
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय विधि विभाग स्वामी रामतीर्थ परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नई टिहरी के संयुक्त तत्वाधान में विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम का
संचालन कर रहे शोध छात्र अर्पित यादव द्वारा किया गया ।तत्पश्चात कार्यक्रम के संयोजक व लीगल एड सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ एस के चतुर्वेदी ने इस गोष्ठी के उद्देश्य को विस्तार से बताया। उन्होंने सामाजिक न्याय का क्या अर्थ है, यह दिवस क्यों 20 फरवरी को मनाते हैं, विश्व सामाजिक न्याय दिवस की शुरुआत कब से हुई, इसके विचार कब से आए आदि को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एक शांतिपूर्ण और समृद्ध समाज की नींव है जो की सभी के लिए समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करता है। उन्होंने अपने वक्तव्य में गरीबी ,बेरोजगारी और असमानता को कैसे दूर किया जाए के बारे में अवगत कराया साथ ही वर्ष 2025 के विश्व सामाजिक न्याय दिवस के थीम, सामाजिक न्याय के लिए जरूरी समावेश को बढ़ावा देना और असमानताओं को दूर करना के बारे में भी बताया । तत्पश्चात विधि विभाग की विभागाध्यक्ष व संकाय प्रमुख डॉ ममता राणा ने सामाजिक न्याय का क्या अर्थ है और इसके विभिन्न आयामों को विस्तार से बताया। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी बताया कि विश्व सामाजिक न्याय दिवस शारीरिक भेदभाव और अशिक्षा, धार्मिक भेदभाव आदि को दूर करने के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए मनाया जाता है तथा यह भी बताया कि इस दिवस का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है। तत्पश्चात विधि विभाग के ही एल एलबी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र मोहित और अंतिम सेमेस्टर के छात्र रामचंद्र यादव ने भी सामाजिक न्याय का क्या महत्व है इसके अंतर्गत क्या-क्या शामिल है विस्तार से बताया साथ में समानता के अधिकार के प्रावधानों को भी बताया ।तत्पश्चात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व सिविल जज सीनियर डिवीजन डॉ आलोक राम त्रिपाठी जी ने विश्व सामाजिक न्याय दिवस के अवसर पर अपने वक्तव्य में विस्तार से सामाजिक न्याय के बारे में बताया। उन्होंने अपने वक्तव्य की शुरुआत संविधान के उद्देशिका में उल्लेखित सामाजिक , आर्थिक और राजनीतिक न्याय से किया तथा संविधान में ही वर्णित की गई मूल अधिकारों और मूल कर्तव्यों तथा राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के बारे में विस्तार से बताया । संविधान में उल्लेखित अनुच्छेद 253 के महत्व को भी सामाजिक न्याय से जोड़ने का प्रयास किया उन्होंने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भी सामाजिक न्याय के प्रति निशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने में हमेशा आगे है और जगह-जगह शिविर के माध्यम से विधिक जागरूकता कार्यक्रम में भी सामाजिक न्याय के बारे में विधिक जानकारी दी जाती है। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी बताया कि सरकार के भी कई योजनाएं है जो सामाजिक न्याय हेतु आरंभ किए गए हैं और उसे पर निरंतर कार्य चल रहा है। सामाजिक न्याय हेतु मनरेगा योजना के प्रमुख प्रावधानों को विस्तार से बताया।तत्पश्चात कार्यक्रम के अंत में गोष्ठी के मुख्य अतिथि परिसर निदेशक प्रो ए ए बौड़ाई ने यह बताया कि सामाजिक न्याय दिवस विश्व स्तर पर मनाया जा रहा है और ऐसे कार्यक्रमों को मनाया जाना चाहिए उन्होंने इस कार्यक्रम की सराहना की तथा कहा कि इससे लोग सामाजिक न्याय के प्रति जागरूक होकर अन्य जगहों पर लोगों के बीच सामाजिक न्याय के प्रति जागरूक करेंगे। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी आराधना द्वारा किया गया।इस कार्यक्रम में विधि विभाग के शिक्षक डॉ विशाल गुलरिया डॉ हिमानी बिष्ट,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टिहरी के वरिष्ठ अधिवक्ता व रिटेनर श्री राजपाल सिंह मियां व प्राधिकरण के अन्य स्टाफ विधि के शोधार्थी मनोज यादव,सतेंद्र,राजेश बाबू, सूर्य प्रकाश,गरिमा,पूजा,सुधांशु रंजन तथा विधि के विद्यार्थी उपस्थित थे।