चमन लाल महाविद्यालय में आज दिनांक 22 दिसंबर 2023 को संस्कृत विभाग द्वारा श्रीमद्भागवद्गीता जयंती के उपलक्ष्य में ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन कराया गया। जिसमें मुख्य
वक्ता के रूप में डाॅ० सपना चंदेल (हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला) को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव श्री अरुण कुमार हरित ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कर किया l डॉ. सपना ने अपने व्याख्यान के संबोधन में बताया कि श्रीमद्भागवत गीता राष्ट्रीय ग्रंथ के रूप में उभर रहा है इसमें वेदों का सारांश निहित है इसमें कर्म योग से लेकर राजयोग एवं ज्ञान योग का वर्णन किया गया है l साथ ही उन्होंने बताया कि गीता हमें जीवन जीने का ढंग बताती है l गीता के एक श्लोक को जीवन में आत्मसात करने से मनुष्य का जीवन परिवर्तित हो जाता है l उन्होंने बताया की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है जो की राष्ट्र के लिए एक अच्छी पहल है l इससे छात्र-छात्राओं के जीवन में विकास होगा और वह अपनी
संस्कृति की और अग्रसर होंगे l इसी श्रृंखला में महाविद्यालय प्राचार्य
डॉ. सुशील उपाध्याय ने श्रीमद्भागवत गीता जयंती की अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की और बताया कि गीता ही जीवन जीने का ढंग बताती है गीता को अपने जीवन में आत्मसात करने से मनुष्य परम लक्ष्य की और अग्रसर होता है l अतः समस्त छात्राओं को गीता के किसी एक श्लोक को अपने जीवन में आचरण रूप में लाना चाहिए l तभी गीता जयंती मनाना सार्थक होगा l कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अनीता शर्मा ने श्रीमद्भागवत गीता की विशेषताओं पर प्रकाश डाला और बताया कि गीता को कंठस्थ करने पर स्मृति में वृद्धि होती है l प्रतिदिन गीता का अध्ययन करने से मनुष्य का मन शांत होता है l डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को संपूर्ण गीता कंठस्थ याद थी जिसके बल पर उन्होंने संपूर्ण भारत के लिए महान कार्य किया l इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से 20 से अधिक छात्राएं जुड़े रहे तथा इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारी भी जुड़े रहे l