एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन।
(अश्वनी उपाध्याय) रुड़की के सुनहरा स्थित शहीद स्मारक वट वृक्ष पर एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दीप प्रवजलित कर स्वतंत्रता सेनानी और आज़ादी के दीवाने वीर क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बता दें कि 1857 की क्रांति से पहले 1824 में अंग्रेजो के विरुद्ध संघर्स की शुरुआत हुई थी जिसमें 152 क्रांतिकारियों को सुनहरा स्थित वट वृक्ष पर अंग्रेजो के द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था। अंग्रेजों की ज़ुल्म और क्रांतिकारियों के बलिदानों की निशानी इस वट वृक्ष पर कड़ो के रूप में मौजूद है। और यह वट वृक्ष अपने आप में एक महान गाथा है और इतिहास है। तो इसी क्रम में सवतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दीप प्रवजलित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। प्रति वर्ष शहीदों की याद में यहां पर एक मेले का आयोजन भी किया जाता है। कार्यक्रम आयोजक भाजपा नेता धीर सिंह ने बताया कि इस वट वृक्ष पर वीरता की गाथाएं लिखी हुई है और यह वट वृक्ष गवाह है हमारे क्रांतिकारियों के बलिदानों का। और अंग्रेजो के सामराज्य में लगभग 152 वीर क्रांतिकारियों को इस वट वृक्ष पर लटकाया गया था। वहीं कांग्रेसी नेता आशीष सैनी ने भी शहीदो को नमन करते हुए दीपदान और एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में भाग लिया।