आईआईटी रुड़की एवं कॉनकॉर ने अनुसंधान एवं नवाचार के माध्यम से लॉजिस्टिक्स में क्रांति लाने के लिए रणनीतिक साझेदारी की

• भारत के रेल नेटवर्क में कंटेनरीकृत माल की आवाजाही को अनुकूलित करने के लिए अकादमिक विशेषज्ञता का उपयोग करना।
• पश्चिमी समर्पित माल कॉरिडॉर पर भारत की मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स दक्षता और लागत प्रभावी माल परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए अनुसंधान-संचालित समाधानों पर केंद्रित सहयोग।
• संयुक्त अनुसंधान, अत्याधुनिक प्रयोगशाला सुविधाओं, इंटर्नशिप एवं उद्योग-अकादमिक सहयोग के माध्यम से लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे को बढ़ाना।
• भारत के मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए अकादमिक ज्ञान को उद्योग के अनुभव के साथ जोड़ना।

रुड़की, उत्तराखंड, 18 अगस्त, 2024 – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की एवं कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कॉनकॉर) ने लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके एक रणनीतिक साझेदारी को औपचारिक रूप दिया है। आईआईटी रुड़की की ओर से कुलशासक प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी व कॉनकॉर की ओर से वरिष्ठ महाप्रबंधक (एमआईएस) श्रीमती रितु नारंग ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आईआईटी रुड़की में प्रबंधन अध्ययन विभाग में प्रोफेसर अमित उपाध्याय की इस सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका है और वे सभी संबंधित शोध कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल होंगे।

राष्ट्रीय महत्व के एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान आईआईटी रुड़की एवं भारत में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सेवाओं में अग्रणी कॉनकॉर के बीच सहयोग का उद्देश्य अनुसंधान, नवाचार एवं क्षमता निर्माण पहल को बढ़ावा देना है। यह साझेदारी भारत के व्यापक रेलवे नेटवर्क में कंटेनरीकृत माल ढुलाई की दक्षता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक अनुकूलन मॉडल विकसित करने के लिए तैयार है, विशेष रूप से पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारे (डब्ल्यूडीएफसी) पर ध्यान केंद्रित करते हुए।

इस समझौता ज्ञापन के तहत, आईआईटी रुड़की अपने अकादमिक एवं शोध कौशल का उपयोग गहन परिचालन अनुसंधान अध्ययन करने के लिए करेगा। इस अध्ययन का उद्देश्य डबल-स्टैक ट्रेनों पर बीस-फुट समतुल्य इकाइयों (टीईयू) की लोडिंग को अनुकूलित करना है, जिससे अंततः कंटेनर रेल ढुलाई लागत में कमी आएगी और रेल ट्रांसशिपमेंट हब के माध्यम से अंतर-टर्मिनल मूवमेंट में सुधार होगा। सहयोग में कॉनकॉर के नेटवर्क में कंटेनर ट्रेनों की कुशल आवाजाही के लिए अनुकूलन-आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली विकसित करना भी शामिल होगा।

इसके अतिरिक्त, समझौता ज्ञापन में उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई पहलों की रूपरेखा दी गई है। कॉनकॉर आईआईटी रुड़की के छात्रों को इंटर्नशिप प्रदान करेगा, जिससे उन्हें वास्तविक दुनिया के लॉजिस्टिक्स संचालन का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। दोनों पक्ष आईआईटी रुड़की में संयुक्त रूप से वित्त पोषित प्रयोगशाला सुविधाओं एवं उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की स्थापना के अवसरों की तलाश करेंगे, जो लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में उन्नत अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसके अलावा, साझेदारी विशेष पाठ्यक्रमों, कार्यशालाओं, हैकथॉन और प्रदर्शनियों की सुविधा प्रदान करेगी, जिसका उद्देश्य कॉनकॉर कर्मचारियों के कौशल सेट को बढ़ाना और अगली पीढ़ी के लॉजिस्टिक्स व्यावसायिकों को प्रेरित करना है।

कॉनकॉर के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री संजय स्वरूप ने कहा, “हम आईआईटी रुड़की के साथ साझेदारी करके रोमांचित हैं, जो अपनी अकादमिक उत्कृष्टता एवं उन्नत शोध के लिए जाना जाता है। यह सहयोग कॉनकॉर के उन्नत शोध एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है। हम इस साझेदारी के प्रभावशाली परिणामों की आशा करते हैं, जो न केवल हमारे संचालन को लाभान्वित करेगा बल्कि भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की उन्नति में भी योगदान देगा।”

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने सहयोग के महत्व पर टिप्पणी करते हुए कहा, “कॉनकॉर के साथ हमारी साझेदारी शिक्षा एवं उद्योग के बीच की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आईआईटी रुड़की में, हम अग्रणी अनुसंधान के लिए प्रतिबद्ध हैं जो सीधे राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे और विकास को प्रभावित करता है। यह सहयोग हमें अपनी अकादमिक शक्तियों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों पर लागू करने में सक्षम करेगा, जिससे नवाचार एवं अनुसंधान में एक अग्रणी के रूप में हमारी भूमिका और मजबूत होगी। कई शोध पहलों एवं रणनीतिक साझेदारियों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य पूरे भारत में लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को अनुकूलित करना, लागत कम करना और दक्षता बढ़ाना है, जिससे विकसित भारत 2047 विजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सके और भारत को सतत विकास में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया जा सके।”

यह समझौता ज्ञापन पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगा, तथा आपसी सहमति से इसे नवीनीकृत किया जा सकता है। आईआईटी रुड़की और कॉनकॉर दोनों ही दीर्घकालिक संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो भारत के लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में नवाचार, अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देगा।

इस तरह की कई शोध पहलों और रणनीतिक साझेदारियों के माध्यम से, आईआईटी रुड़की न केवल लॉजिस्टिक्स में नवाचार को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि विकसित भारत 2047 के विजन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। अपनी अकादमिक शक्तियों का उपयोग करके और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देकर, आईआईटी रुड़की भारत के लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को अनुकूलित करने, परिचालन लागत को कम करने और समग्र दक्षता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक समाधान विकसित कर रहा है। ये प्रयास 2047 तक एक समृद्ध और तकनीकी रूप से उन्नत भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए संस्थान के समर्पण को रेखांकित करते हैं, जो नवाचार एवं सतत विकास में वैश्विक नेता के रूप में उभरने की राष्ट्र की आकांक्षा के अनुरूप है।