75 वां अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन
आज दिनांक 10 दिसम्बर 2023 को विधि संकाय, मदरहुड विश्वविद्यालय, रूड़की द्वारा ”मानवाधिकार के संरक्षण में भारतीय न्यायपालिका का योगदान” विषयक पर एक विचारगोष्ठी का आयोन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति, माननीय प्रो0 (डॉ0) नरेन्द्र शर्मा के पूर्व अनुमति के उपरान्त हुआ, डा0 शर्मा द्वारा दिए गए अपने लिखित संबोधन में, विधि संकाय के समस्त सदस्यों को उन्होने बधाई देते हुए कहा कि मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए हमें एक दूसरे के प्रति कर्तव्यों का भी निर्वहन करना चाहिए जिससे कि एक-दूसरे के अधिकार व कर्तव्य का संरक्षण एवं निर्वहन हो सके।
इसके साथ ही निदेशक शैक्षणिक प्रो0 (डॉ0) वी0के0 सिंह ने अपने उद्बोधन में 75 वां अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर वर्तमान परिदृश्य में मानवाधिकारों की प्रसांगिकतों के सन्दर्भ में बताते हुए कहा, कि आज के समय में विश्व को युद्व की विभिषिका एवं विध्वंसक परिणामों से बचाकर ही मानवाधिकारों का संरक्षण किया जा सकता है।
इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो0 (डॉ0) जय शंकर प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा समस्त वक्ताओं का स्वागत करते हुए कहा गया कि मानवाधिकार मानव को मानव होने के कारण प्रकृति द्वारा प्रदत्त अधिकार है जिनको किसी भी आधार पर न्यून या छीना नही जा सकता है। डॉ0 श्रीवास्तव द्वारा मानवाधिकारों को प्रकृति से जोड़ते हुए यह भी बताया गया कि माननीय न्यायपालिका के द्वारा समय-समय पर आदेश पारित करते हुए प्रकृति को संरक्षित कर किस प्रकार से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में मानवाधिकारों को संरक्षण प्रदान किया गया है।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में निदेशक, स्कूल ऑफ लॉ एमिटी विश्वविद्यालय, गुरूग्राम हरियाणा, के प्रो0 (डॉ0) ए0के0 भट्ट रहे जिनके द्वारा दिए गए अपने उद्बोधन में विचार गोष्ठी के विषय पर प्रकाश डालते हुए क्रमवार बहुत सारे वादो पर चर्चा की गई, जिनमें भारतीय न्यायपालिकाओं द्वारा मानवाधिकारों को संरक्षण प्रदान किया गया है।
इसके पश्चात् हेमवती नन्दन बहुगुणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, टिहरी के सहायक आचार्य, डा0 सुधीर कुमार चतुर्वेदी ने अपने सम्बोधन में मानवाधिकारों पर विशेष चर्चा करते हुए कहा कि कोई भी जेल बना दी जाए या कोई भी नियम बना दिया जाए परन्तु मानवाधिकारो का संरक्षण व सम्मान तब तक संभव नही है जबतक कि लोगो के हृदय में मानवाधिकारों के लिए सम्मान व जगह न बना दी जाये।
कार्यक्रम के अन्त में समस्तः अतिथियों का आभार विधि संकाय, मदरहुड विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य/विभागाध्यक्ष डॉ0 नलनीश चन्द्र सिंह ने किया।
इस कार्यक्रम का संचालन, सहायक आचार्य सुश्री श्रीतु आनन्द ने किया। इस अवसर पर डा0 हरि चरण सिंह यादव (सह आचार्य), डा0 अखिलेश यादव (सहायक आचार्य), डा0 सन्दीप कुमार (सहायक आचार्य), डा0 श्वेता श्रीवास्तव (सहायक आचार्य), डा0 जूली गर्ग (सहायक आचार्य), श्रीमति रेनू तोमर (सहायक आचार्य), श्रीमति व्यजंना सैनी (सहायक आचार्य), श्री विवेक कुमार (सहायक आचार्य), श्री सतीश कुमार (सहायक आचार्य), सुश्री अन्निदिता चटर्जी (सहायक आचार्य), सुश्री आशी श्रीवास्तव (सहायक आचार्य), श्री अनिल कुमार (सहायक आचार्य) ने सहभागिता प्रदान की। इस कार्यक्रम में सभी शोधार्थी छात्र/छात्राएं एवं अन्य विद्यार्थीगण के द्वारा बढ़-चढ़ कर भाग लिया।