(अश्वनी उपाध्याय)

सतपाल ब्रह्मचारी अध्यक्ष कांग्रेस महानगर कमेटी पालिका अध्यक्ष बनने के बाद जीत को तरस गए थे लेकिन बहुत संघर्ष के बाद उन्होंने अपनी जन्मभूमि में जीत हासिल की है पालिका अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें सोनीपत में सांसद का राजतिलक लगा आपको बता दे की सतपाल ब्रह्मचारी का स्थानीय निवास और जन्मभूमि सोनीपत जिले के रहने वाले हैं लेकिन उन्होंने संन्यास ले लिया था और बाद में संन्यास लेने के बाद वह हरिद्वार धर्मनगर में आ गए उन्होंने हरिद्वार धर्मनगर में संत रहते राजनीति शुरू की समाचार एक्सप्रेस पर उन्होंने अपनी बातों को बताते हुए कहा कि धर्म नगरी हरिद्वार नगर पालिका रहने के दौरान कांग्रेस से वर्ष 2003 में पालिका अध्यक्ष बने बाद में उन्होंने कांग्रेस से 2012 में हरिद्वार से विधानसभा का चुनाव लड़ा पर उनको सफलता नहीं मिली उन्होंने 2017 में फिर से टिकट की मांग की लेकिन उन्हें पार्टी हाई कमान ने टिकट नहीं दिया उनकी जगह ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी को टिकट दिया लेकिन उन्होंने भी पार्टी को जीत नहीं दिलाई लेकिन सतपाल ब्रह्मचारी कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रहे उन्हें पार्टी ने 2022 में फिर से शहर से अपना उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन वह जीत नहीं हासिल कर पाए सतपाल ब्रह्मचारी कांग्रेस महानगर अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को मजबूत करने में जुटे रहे अब बताया जा रहा था कि उनको नगर निकाय चुनाव में उनको मेयर प्रत्याशी बनाया जाएगा लेकिन इसी बीच समीकरण बदल गए उन्हें हरियाणा के सोनीपत लोकसभा सीट से कांग्रेस ने उम्मीदवार बना दिया वह हरिद्वार से जाकर सोनीपत चुनाव में जुट गए और उन्हें जन्मभूमि का भी फायदा मिला सोनीपत में जीत मिलने के बाद हरिद्वार शहर में भी खुशी की लहर है और पार्टी कार्यकर्ताओं का आत्म बल बड़ा है